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दुपहर का समय था, विनीता की अभी आख लगी ही थी
कि दर्वाजे पर उसे जोर जोर से दस्तक की आवास सुनाई दी
इस समय कौन आया होगा? अभी तो सभी खेद में रहते हैं
कहीं फिर से वही तो नहीं है?
उसने दर्वाजा खोला, दर्वाजे पर विनीता की जेट जी राजीव खड़े थे